बोलती है आंखें तुम्हारी
देखकर तुमको बड़ी हलचल है दिल के शहर में
मन के मौसम में फैली अजब सी खुमारी है,
एक नज़र ने कह डाली है सारी कहानी,
सच मे बहुत बोलती हैं ये आखें तुम्हारी.
कभी है ये चंचल, हो जैसे कोई झरना,
विरानो को छू कर सिखा दें सवारना,
इनकी गहराइयों में समंदर हो जैसे,
मुझको अच्छा लगे इनकी तह में उतरना.
कभी गीत कोई , कभी ये गजल हैं,
तुम्हारा चेहरा झील जैसा, ये आँखे कमल हैं,
सजदे में झुक जाऊं दिल मेरा चाहे,
ये आँखें तुम्हारी खुदा की शकल हैं.
ये आँखें तुम्हारी हैं जादू की पुडिया,
इशारों पे अपनी नचाती हैं दुनिया
उठती हैं पलके तो उगता है सूरज,
जो झुक जाएँ , आ जाये चंदा की बारी.
गुलाबी से अम्बर में काला सा बादल
समेटे हुए हैं काजल की धारी .
एक नज़र में सुना डाली पूरी कहानी,
बहुत बोलती हैं ये आँखें तुम्हारी...
Sneh lata pandey
20-Jul-2021 09:07 PM
वाह क्या बात
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Shaba
04-Jul-2021 09:28 AM
बेहद खूबसूरत
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Satvinder Singh
04-Jul-2021 09:25 AM
बहुत बढ़िया
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